


पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि किसी मंच पर सभी लोगों का बैठना कांग्रेस की परंपरा नहीं है। इसलिए मैं कार्यकर्ताओं के साथ नीचे बैठता हूं, क्योंकि मंच पर बैठने पर विवाद ज्यादा होते हैं। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उन्हें ले जाकर मंच पर बैठाने को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे मेरे पुत्र के समान हैं।
दो दिन पहले भोपाल में एक मंच पर वे सिंधिया के साथ नजर आए थे। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस बात की ज्यादा चर्चा हो रही है। मैंने हमेशा सेहमारे जितने भी लोग हैं, चाहे किसी भी पार्टी के हों, सिंधिया जी तो पुत्र के समान हैं, माधवराव जी के साथ काम किया है। भोपाल में हुए एक निजी कार्यक्रम में मैं मंच पर नहीं था। ज्योतिरादित्य आए और मुझे मंच पर ले गए। अब नई बात चालू कर दी कि दिग्विजय सिंह मंच पर नहीं बैठेंगे।
मंच पर बैठने पर कांग्रेस में होते हैं विवाद
पूर्व सीएम ने कहा कि मैंने कहा था कि कांग्रेस के मंच पर इसलिए नहीं बैठना चाहता कि वहां पर विवाद शुरू हो जाता है कि कौन बैठेगा और कौन नहीं? इसलिए मैं कार्यकर्ताओं के साथ बैठ जाता हूं। राहुल गांधी जब कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे, तो मंच पर कोई नहीं बैठा था, वे स्वयं नीचे बैठे थे। जिसको भाषण देना होता था, वह मंच पर जाता था। पहले भी यही होता था। मध्य भारत के जमाने में भी यही होता था। मंच पर जिलाध्यक्ष और मुख्य अतिथि बैठते थे।